इस कलयुग का देव निराला,
अपना प्रिय बजरंगी बाला ।।
कैसे क्या गुण गाऊँ स्वामी,
सब देवन में हो तुम आला,
इस कलयुग का....
सागर लांघ गये क्षणभर में,
सिय संताप मिटाने वाला,
इस कलयुग का.....
जलाकर सोने की लंका,
रावण दर्प मिटाने वाला,
इस कलयुग का.....
लाये धाय संजीवनी बूटी,
लक्ष्मण प्राण बचाने वाला,
इस कलयुग का....
प्रभु श्रीराम की मंगल मूरत,
हरपल हृदय बसाने वाला,
इस कलयुग का.....
डंका दुनियाँ में भक्ति का,
भगवन तुम्ही बजाने वाला,
इस कलयुग का देव निराला,
अपना प्रिय बजरंगी बाला ।।