नवरातो के दिनों में आनंद छाया है
भगतो पे भगती का रंग चड के आया है
नवरातो के दिनों में आनंद छाया है
फूलो और कलियों से दरबार सजे है,
भवनों की गलियां ये बाजार सजे है,
देख रोनक ये मन बड़ा मुसकाया है
नवरातो के दिनों में आनंद छाया है,
नाच रहे मंदिरों में भक्त झूम झूम के
खेद रहे डांडिया सबी घुम घुम के
सची शरदा प्रेम से मैया को रिजाया है
नवरातो के दिनों में आनंद छाया है,
घर घर में हो रहे चोंकी जागरण है
हर कोई मैया की लगन में मगन है,
मिलके संगतो ने आज गुणगान है,
नवरातो के दिनों में आनंद छाया है,
नवरातो में मैया होती दयाल है,
खुशियों से सागर करती निहाल है
माँ के चरणों में सब ने सिर झुकाया है
नवरातो के दिनों में आनंद छाया है,