दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं सरकार,
सुख में कभी न तेरी याद है आई,
दुःख में तुमसे सांवरिया तुमसे प्रीत लगाईं,
सारा दोष है मेरा मैं करता हु सवीकार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा .................
मेरा तो क्या है मैं तो पहले से हरा ,
तुमसे ही पूछे गा यह संसार सारा,
डूब गई क्यों नैया तेरे रहते बनहर,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा .........
सब कुछ गवाया बस लाज बची है,
तुझपर कनाहिया मेरी लाज टिकी है,
सुना है तुम सुनते हो हम जैसो की पुकार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा ......
जिनको सुनिया सोनू अपना फसना,
सबने बताया मुझे तेरा ठिकाना,
सब कुछ छोड़ के आखिर आया तेरे दरबार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा ...........