श्याम खाटू वाले से मेरी पहचान हो गई,
मुस्किल पड़ी थी मेरी मंजिल आसन हो गई,
श्याम खाटू वाले से मेरी पहचान हो गई,
जो हार के दर पर आया बाबा की शरण में आया,
इनका शुकर मानिये हम दर पर सिर झुकाए हम
देखके इनकी दातरी मै हेरान हो गी,
श्याम खाटू वाले से मेरी पहचान हो गई,
पिछले जनम के अच्छे कर्म हो गया अपना श्याम मिलन,
भगतों के अरमा मचले ख़ुशी के आंसू निकले,
इनकी दया से अपनी आन बाण शान हो गई,
श्याम खाटू वाले से मेरी पहचान हो गई,
इनका सिर पे हाथ रहे हर पल साथ रहे,
प्रेम का धागा टूटे ना बाबा हमसे रूठे ना,
चोखानी कहे अंजलि तेरी थोरी पहचान हो गई,
श्याम खाटू वाले से मेरी पहचान हो गई,