जो मैं ऐसा जानती प्रीत करे दुःख होये
नगरी ढिढोरा पीटती प्रीत ना करयो कोई।
इक बार तो राधा बनकर देखो मेरे सावरिया
राधा यु रो रो कहे. . . . -2
क्या होते है आंसू क्या पीढ़ा होती है
क्यों दर्द उठता है क्यों आँखे रोती है।
इक बार तो तू भी आंसू बहाकर देखो सावरिया
राधा यु रो रो कहे।
इक बार तो राधा बनकर देखो मेरे सावरिया
राधा यु रो रो कहे. . . .
जब कोई सुनेगा ना तेरे मन के दुखड़े
जब ताने सुन सुन कर दिल के टुकड़े।
इक बार तो तुम भी ताने सुनकर देखो सावरिया
राधा यु रो रो कहे।
इक बार तो राधा बनकर देखो मेरे सावरिया
राधा यु रो रो कहे. . . .
क्या जानोगे मोहन तुम प्रेम की भाषा
क्या होती है आशा क्या होती निराशा।
इक बार तुम जरा प्रेम करके देखो सावरिया
राधा यु रो रो कहे।
इक बार तो राधा बनकर देखो मेरे सावरिया
राधा यु रो रो कहे. . . .
पनघट मधुवन में वो इंतजार करना
कही श्याम तेरी खातिर वो घुट घुट के मरना।
इक बार किसी का इंतजार कर देखो सावरिया
राधा यु रो रो कहे।
इक बार तो राधा बनकर देखो मेरे सावरिया
राधा यु रो रो कहे. . . .