ये बस्ती श्याम दीवानों की,
यहाँ हार नहीं अरमानों की
साथी सबके श्याम हैं यहाँ,
करते सबके काम हैं यहाँ। -2
कलयुग के राजा का देखो,
आंगन ये अलबेला,
श्याम दीवानों का लगता है,
रोज यहां पर मेला -2
ये बस्ती शाम की बस्ती है,
यहाँ खुशियां रोज़ बरसती है -2
साथी सबके श्याम हैं यहाँ,
करते सबके काम हैं यहाँ।
मन के धागों से बांधों और,
श्याम से नाता जोड़ो,
श्याम के होकर जी लो,
दर दर ठोकर खाना छोड़ो -2
सुखचैन है श्याम की राहों में,
यहां भक्त है श्याम निगाहों में -2
साथी सबके श्याम हैं यहाँ,
करते सबके काम हैं यहाँ।
तेरे मंदिर में जलती है,
ज्योत भी गजब निराली,
चीर के हर अंधियारे गम के,
फैलाती खुशहाली -2
जहाँ धूल भी बरकत बन जाती,
किस्मत भक्तों की चमकाती -2
साथी सबके श्याम हैं यहाँ,
करते सबके काम हैं यहाँ।
ये बस्ती श्याम दीवानों की,
यहाँ हार नहीं अरमानों की,
साथी सबके श्याम हैं यहाँ,
करते सबके काम हैं यहाँ।