नन्द यशोदा की आँखों का तारा,
बिहारी मेरा रंग रसिया.....-2
ब्रज मंडल का उजयारा,
बिहारी मेरा रंग रसिया। -2
बांकी मूरत सलोनी सूरत,
ये मेरा बरबस चैन चुराए,
बिन देखे जिया ना माने,
कैसे करू मैं हाय....
ऐसा रूप का जादू डाला।
बिहारी मेरा रंग रसिया......
दिखलाये कमर बल खाये,
चरण में बाजे पायल छम छम,
मधुर बांसुरी में नित गाये,
राधा नाम की सरगम,
करे तिर्शी नज़र से करे इशारा।
बिहारी मेरा रंग रसिया......
कोई हुआ ना कोई होगा,
सलोना ऐसा इस त्रिभुवन में,
रमन करे निस राधिका के संग,
कहे वरकूंज सतन मे,
ऐसा प्रीतम यार हमारा।
बिहारी मेरा रंग रसिया......
मेरे प्यारे प्यारे रसिया.....प्यारे प्यारे रसिया.....