किस्मत हमारी बदलने लगी है,
किरपा तुम्हरी बरस ने लगी है,
अन्देरी थी राते उजाला नही था,
कोई भी मेरा अपना नही था,
जबसे लगन तुमसे लगने लगी है,
किस्मत हमारी बदलने..........
सभी रंग पीछे श्याम रंग साँझा,
जिसपे चदा वो मीरा सा नचा,
मिलने को दुनिया तरस ने लगे है,
किरपा तुम्हरी बरस ने लगी .............
मांगी थी मेने दुनिया की दोलत,
मुझको मिली न नाम जपने की मोलहत,
कन्हिया की धड़कन धडकने लगी है,
किरपा तुम्हरी बरस ने लगी .......