कृष्णा कृष्णा, बोलो कृष्णा, राधे राधे कृष्णा ।
मोह माया के तोड़ के ताले, इसी नाम से प्रीत लगा ले॥
मन मंदिर में ज्योत जगाले, मिट जायेगी तृष्णा ॥
बंसी की धुन में खो जा रे,
मोहन मुरारी का हो जा रे ।
तन तेरा बन जाए,
बंसी गाये कृष्णा कृष्णा ॥
जोगन बनूंगी मैं तो सावरे की,
यह हैं लगन मन बावरे की ।
कुञ्ज गलियां में श्याम सवेरे,
गाऊं कृष्णा कृष्णा ॥
गोविन्द के संग लागी प्रीत रे,
सांस वोही सब का मीत रे ।
वोही नैया वोही खिवईया,
जपो कृष्णा कृष्णा ॥