तुम अगर माफ़ मेरी ख़ताये करो,
मैं युही चरण कमलो में आता राहु,
अपना सेवक बना लो यही अरज है,
मैया नग्मे मैं तुम्हारे गाता रहु,
तुम अगर माफ़ मेरी ख़ताये करो,
तुमने दुनिया को हर शह बिना मांगे दी,
मैं जो मांगू वो मैया क्यों मिलता नहीं,
रहु खामोश मायुश मैं इस कदर वक़्त मेरी क्यों टाइम निकलता नहीं,
मैं भला या बुरा जो भी हु आपका,
फिर ज़माने के गम क्यों उठाता राहु,
तुम अगर माफ़ मेरी ख़ताये करो,
सब गुनगारो से मैं जयदा सही तेरे कदमो में अब तो माँ आ गया,
करलो मंजूर अब तो माँ सजदा मेरा तेरा दरबार मन को मेरे भा गया,
अपने कदमो में थोड़ी जगा दीजिये बैठ कर हाल दिल मैं सुनाता राहु,
तुम अगर माफ़ मेरी ख़ताये करो,
अब तो रहमो कर्म की माँ करदो नजर,
अपने दर पे हमेशा भूलना मुझे तेरी सूंदर छवि मैं निहारा करू,
मैं तेरा लाल हु न भुआलाना मुझे,
मेरी अर्जी मंजूर करलो अगर तेरा दीदार हर दम पाता रहु,
तुम अगर माफ़ मेरी ख़ताये करो,