भज मन मेरे राम नाम तू , गुरु आज्ञा सिर धार रे,
नाम सुनौका बैठ मुसाफिर जा भवसागर पार रे,
राम नाम मुद मंगल कारी , विघ्न हरे सब पातक हारी,
सांस सांस श्री राम सिमर मन पथ के संकट टार रे,
भज मन मेरे …
परम कृपालु सहायक है वो। बिनु कारन सुख दायक है वो,
केवल एक उसी के आगे। साधक बाँह पसार रे,
भज मन मेरे …
गहन अंधेरा चहुं दिश छाया । पग पग भरमाती है माया,
जीवन पथ आलोकित कर ले । नाम – सुदीपक बार रे,
भज मन मेरे …
परम सत्य है , परमेश्वर है । नाम प्रकाश पुन्य निर्झर है,
उसी ज्योति से ज्योति जला निज । चहुं दिश कर उजियार रे,
भज मन मेरे …
भज मन मेरे राम नाम तू गुरु आज्ञा सिर धार रे।
नाम सुनौका बैठ मुसाफिर जा भव सागर पार रे