हम भी तुम्हरे ही है जैसे हनुमान जी,
किरपा करो न थोड़ी मेरे श्री राम जी
धन दोलत सुख दियां भरपूर है,
फिर भी दोनों में कुछ फांसला जरूर है,
क्या है मज़बूरी कहो कहा पर है ध्यान जी,
किरपा करो न थोड़ी मेरे श्री राम जी
आज मैं तुम को अपनी घर लेके जाउगा,
मंदिर सजाया तेरा तुम्हे दिखाऊगा,
देख के हो न जाना जयदा हैरान जी ,
किरपा करो न थोड़ी मेरे श्री राम जी