मेरे साई तेरी शिरडी, बहुत अब याद आती है,
जो बैठू ध्यान में तेरे, जो बैठू ध्यान में तेरे,
मेरी बिगड़ी बनाती है,
मेरे साईं तेरी शिरडी, बहुत अब याद आती है,
मेरे साईं तेरी शिरड़ी, बहुत अब याद आती है……
जो भर आई मेरी आँखें, साईं तेरे दर्श पाने को,
साईं तेरे दर्श पाने को......
तेरे दर्शन की प्यासी है, तेरे दर्शन की प्यासी है,
मेरी अँखियाँ उदासी है,
मेरे साँई तेरी शिरडी, बहुत अब याद आती है……
तेरे चरणों में सर रखकर, हुआ रोशन हर एक मंजर,
हुआ रोशन हर एक मंजर......
धूणी जब जगमगाती है, धूणी जब जगमगाती है,
हमें दुःख से बचाती है,
मेरे साँई तेरी शिरडी, बहुत अब याद आती है.........