हम श्याम दीवाने हैं,
ये शान से कहते हैं,
दिन रात साँवरे की,
मस्ती में ही रहते हैं।
मिल जाये कोई प्रेमी,
ना हैलो ना हाय.....-2
बाबा का नाम लेके,
जय श्याम जी कहते हैं,
दिन रात साँवरे की,
मस्ती में ही रहते हैं।
जब संग साँवरा है,
किस बात की चिंता है....-2
खुशियाँ और ग़म सारे,
हँसते हुए सहते हैं,
दिन रात साँवरे की,
मस्ती में ही रहते हैं।
कोई पूछे पता हम से,
क्या ठोर ठिकाना है....-2
हम अपने साँवरे के,
चरणों में ही रहते हैं,
दिन रात साँवरे की,
मस्ती में ही रहते हैं।
मेरी जीवन नैया का,
है श्याम खिवैया तू....-2
जब डूबे सब दुनियाँ,
हम शान से बहते हैं,
दिन रात साँवरे की,
मस्ती में ही रहते हैं।
क्या लेना है दुनियाँ से,
सब शोर शराबा है....-2
मीतू के भजनों में,
हम खोए रहते हैं,
दिन रात साँवरे की,
मस्ती में ही रहते हैं.......