तर्ज:- "श्याम धनी आने में"
श्याम तेरे हाथो में ये नाव हमारी है,
पार करो या नही करो ये मर्जी तुम्हारी है
जब भी पड़े जरूरत तेरे दर पे आते,
तेरे चरणों मे बाबा शीश को झुकते,
मरते दम तक बोले,हम शरण तुम्हारी है।
पार करो या नही........
कोई नही है बाबा पास हमारे,
हर मुश्किल में श्याम तुम्हे ही पुकारे,
जितनी मिली हैं सांसे,ये भी तुम्हारी है।
पार करो या नही........
जद जद म्हापर कोई आफत आवे,
तब तब आकर बाबा लाज बचावे,
सुख से बीते जीवन,बाबा दया तुम्हारी है
पार करो या नही........
तेरे सिवा बाबा कौन हमारा ,
तेरी कृपा से तेरे बच्चों का गुज़ारा ,
'बीजू' की बिगड़ी तो , तूंने ही बनाई है।
पार करो या नही........
रचना:-विजय कुमार डिडवानिया
सरदार शहर, ९५११५३९९३३
जय श्री श्याम