ला लो श्याम जी मेरा भोग गरीब दा,
भोग गरीब दा श्याम जी भोग गरीब दा,
ला लो श्याम जी मेरा भोग गरीब दा,
उतर दक्षिण पूरब पक्षिम,
चारो दिशाओं से आयो श्याम जी ,
मेरा भोग गरीब दा......
ऐसा भोग लगाओ मेर श्याम जी,
ये अमृत हो जाये श्याम जी,
मेरा भोग गरीब दा......
आप भी आओ संग राधा जी को लाओ,
जो बचता भगतो को खिलाओ,
आके भोग लगाओ श्याम जी,
मेरा भोग गरीब दा......
आगे श्याम जी तेरी है मर्जी,
आके दर्श दिखाओ श्याम जी,
मेरा भोग गरीब दा......