कोई और नही रे श्याम सरीखो,
दूजो लख दातार कोई और नही,
जांचे परखे फिर भगता पे रीजे रे सरकार,
कोई और नही रे श्याम सरीखो
सांचो है दरबार श्याम का बहुत बड़ी सख्लाई जी,
कलयुग अवतार संवारो पूज रहो संसार कोई और नही,
कोई और नही रे श्याम सरीखो...
दुनिया माहि सुनी बहुत है श्याम किरपा की चर्चा जी,
परचो देवे तुरत ही बाबो करते चमत्कार,
कोई और नही रे श्याम सरीखो
आजमा लो जी खाटू जाके ाखियाँ थारी खुल जा सी,
सेवकियाँ ने खूब पहचाने नीले को असवार,
कोई और नही रे श्याम सरीखो
चोखानी जो जीवन नइयां सौंप देवे सांवरिया ने,
कदे न भटके कदे न अटके नइयां हॉवे पार,
कोई और नही रे श्याम सरीखो