हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं,
आरती गाऊं तुम्हें चित्त में बसाऊं,
हे गौरीशंकर तेरी आरती गाऊं,
हे शिवशंकर तेरी आरती गाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ।
भगीरथी जब धरा पे आये,
जटा में भोले की वेग समाये,
जनहितकारी पे बलि बलि जाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ॥
हलाहल से सबको बचाते,
नीलकण्ठ तब आप कहाते,
उमापति के दर्शन पाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ॥
सरल हृदय, करुणा के सागर,
खाली ना रहती किसी की गागर,
कृपा की कुछ बूंदें पा जाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ॥
महादेव प्रभु, हो त्रिपुरारी,
भक्तों के हो भोले तुम भयहारी,
हर हर शम्भो कहके तुमको रिझाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ॥
पूजा, जप, तप, योग ना जानूं,
महादेव को अपना मानूं,
श्रद्धा सुमन चरणों में चढ़ाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ॥
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं,
आरती गाऊं तुम्हें चित्त में बसाऊं,
हे गौरीशंकर तेरी आरती गाऊं,
हे शिवशंकर तेरी आरती गाऊं.......