भोलेनाथ की नवीन आरती

हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं,
आरती गाऊं तुम्हें चित्त में बसाऊं,
हे गौरीशंकर तेरी आरती गाऊं,
हे शिवशंकर तेरी आरती गाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ।

भगीरथी जब धरा पे आये,
जटा में भोले की वेग समाये,
जनहितकारी पे बलि बलि जाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ॥

हलाहल से सबको बचाते,
नीलकण्ठ तब आप कहाते,
उमापति के दर्शन पाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ॥

सरल हृदय, करुणा के सागर,
खाली ना रहती किसी की गागर,
कृपा की कुछ बूंदें पा जाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ॥

महादेव प्रभु, हो त्रिपुरारी,
भक्तों के हो भोले तुम भयहारी,
हर हर शम्भो कहके तुमको रिझाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ॥

पूजा, जप, तप, योग ना जानूं,
महादेव को अपना मानूं,
श्रद्धा सुमन चरणों में चढ़ाऊं,
हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं ॥

हे भोलेनाथ तेरी आरती गाऊं,
आरती गाऊं तुम्हें चित्त में बसाऊं,
हे गौरीशंकर तेरी आरती गाऊं,
हे शिवशंकर तेरी आरती गाऊं.......
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