दुनिया है शंकर की माया कही धुप है कही छाया,
किस लिये डरता है प्राणी शिव तेरा आधार है,
ये सकल संसार मेरे भोले का परिवार है,
कर लो इस की अरचना तुम सब की सूद लेता है वो,
जैसी जिसकी भावना वैसा ही फल देता वो,
श्रिस्ति का आदि पुरष वो सबका पालनहार है,
ये सकल संसार मेरे भोले का परिवार है,
सब उसे कहते है जग में शिव पिता परमात्मा,
वास करता है वो सब में वो हैअंतर आत्मा,
जन्म दाता है जगत का सब का पालनहार है,
ये सकल संसार मेरे भोले का परिवार है,