श्री जगन्नाथ तेरी आरती गाऊं,
आरती गाऊं तुम्हे हिर्दय में बसाऊं,
चकानयन तेरी आरती गाऊं,
आरती गाऊं प्रभु आपको मनाऊं,
श्री जगन्नाथ तेरी आरती गाऊं ॥
पुरी धाम में आप विराजे,
बलदेव, सुभद्रा, सुदर्शन साजे,
अनुपम छवि के दर्शन पाऊं,
श्री जगन्नाथ तेरी आरती गाऊं ॥
जिसे सुनकर प्रभु दौड़े दौड़े आते,
भक्तों के बिगड़े भाग्य बनाते,
वही मंगलगीत गाके तुमको रिझाऊं,
श्री जगन्नाथ तेरी आरती गाऊं ॥
मंदिर से हरि बाहर आते,
रथयात्रा की शोभा बढ़ाते,
पतित पावन पे मैं बलि बलि जाऊं,
श्री जगन्नाथ तेरी आरती गाऊं ॥
महाप्रसाद की महिमा न्यारी,
पाना चाहें सब नर नारी,
पाके जिसे मैं धन्य हो जाऊं,
श्री जगन्नाथ तेरी आरती गाऊं ॥
श्री जयदेव के प्यारे तुम हो,
मेरे स्वामी चकानयन हो,
प्रभु चरणों में शीश झुकाऊं,
श्री जगन्नाथ तेरी आरती गाऊं,
चकानयन तेरी आरती गाऊं,
कालिया ठाकुर तेरी आरती गाऊं,
दारुब्रह्म तेरी आरती गाऊं,
आरती गाऊं प्यारे तुमको मनाऊं,
श्री जगन्नाथ तेरी आरती गाऊं ॥