वनरडा सा लागे श्याम सज धज के,
भगत दीवाने हुए नच नच के,
कानो में कुण्डल माला वैजंती,
सज रहा वागा तन पे बसंती,
नीले पे बैठा श्याम जच जच के भगत दीवाने हुए नच नच के,
वनरडा सा लागे श्याम सज धज के,
नैनो में कजरे की नोक नुकीली होठो पे है मुश्कान रसीली,
सब को भुला रहा है हस हस के भगत दीवाने हुए नच नच के,
प्यारी प्यारी कीर्तन की रात देखो आ गई,
प्रेमियों के सज के बारात भी है आ गई,
महंगी लगाई आज रच रच के भगत दीवाने हुए आज नच नच के,
सांवरो सलोनी लागो बड़ो प्यारो,
नजर उतरो लुन राई वारो,
झूठे आडम्बरो बच बच के भगत दीवाने हुए नच नच के,
वनरडा सा लागे श्याम सज धज के..