बाला जी तेरे प्यार में,
मैं नाचूँ दरबार में,
बाला जी तेरे प्यार में,
मैं नाचूँ दरबार में,
की तन्ने इसे मोह लिए,
हम तो तेरे हो लिए,
तुम्हारे संसार में,
बाला जी तेरे प्यार में,
मैं नाचूँ दरबार में।
तू दिया और हम हैं बाती,
ये ज्योत तेरी जल जल जाती,
तू धर दे कतार में,
मैं नाचूँ दरबार में,
बाला जी तेरे प्यार में,
मैं नाचूँ दरबार में।
मेहंदीपुर वाले बालाजी,
सालासर वाले बालाजी,
तू सागर और हम हैं पानी,
एक जैसी अपनी कहानी,
या चर्चा बाज़ार में,
मैं नाचूँ दरबार में
बाला जी तेरे प्यार में,
मैं नाचूँ दरबार में।
तू है धागा, हम हैं मोती,
ये माला अब तैयार होती,
जो सजे श्रृंगार में,
मैं नाचूँ दरबार में
बाला जी तेरे प्यार में,
मैं नाचूँ दरबार में।
मुकेश फौजी ना कोई शंका,
कमल सिंह का बज रहा डंका,
उजाला अन्धकार में,
मैं नाचूँ दरबार में
बाला जी तेरे प्यार में,
मैं नाचूँ दरबार में......