तुम्हारी किरपा का हुआ है असर,
मैं मौज उडाता हु आठों पेहर,
तुम्हारी किरपा का हुआ है असर,
नहीं छुपाउँगा अपनी ये दासता,
तेरे ही दर से मिला है मुझे रास्ता,
मिला साहिल मिली मंजिल हुई है जब से मेहर,
तुम्हारी किरपा का हुआ है असर
बे मोल जीवन ने कुछ न दिया है,
छूके अनमोल तूने किया है,
याहा जाऊ यहाँ गाउ वही पे आती नजर,
तुम्हारी किरपा का हुआ है असर
तुम्हारे श्याम का बस यही है कहना,
तुम्हारे चरणों में हम को है रहना,
चाहे सुख में चाहे दुःख में लेना मेरी खबर,
तुम्हारी किरपा का हुआ है असर