द्वापर मे जनम जो पाय लेंती कान्हा तेरे आगे,
कान्हा तेरे आगे - कान्हा तेरे आगे
द्वापर मे जनम जो पाय लेंती कान्हा तेरे आगे,
मनमोहन मुरली वाले, कर लेंती दर्श तुम्हारे,
होते बड़े भाग्य हमारे ,
तोय मन मे कतई बसा लेंती कान्हा तेरे आगे,
द्वापर मे जनम जो पाय लेंती कान्हा तेरे आगे,
गोपी बन गाय चराती, मुख ते सही माखन खाती,
मेरी सब ब्याधा कट जाती,
यमुना में मैं भी नहाय लेंती कान्हा तेरे आगे !!
द्वापर मे जनम जो पाय लेंती कान्हा तेरे आगे,
छल-कपट कछु ना रेह्तो, सुख सागर मन मे बेह्तो ,
मोते भलो बुरो ना केहतो ,
तोय दिल मे कतई बसा लेंती कान्हा तेरे आगे,
द्वापर मे जनम जो पाय लेंती कान्हा तेरे आगे,
यों रामचंद्र ते कहके, हरि प्रेम दीवानी होके ,
तेरे चरणों की रज लेके ,
माथे पे तिलक लगा लेंती, कान्हा तेरे आगे,
द्वापर मे जनम जो पाय लेंती कान्हा तेरे आगे,