पत्त राखो गौरी के लाल

पत्त राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आए ll
*शरण आए, तेरी शरण आए ll
पत्त राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आए ll

प्रथमे तुम्हें धिआऊँ, हे संग्राम विजेता l
पूजा करे तुम्हारी, हे देवन के देवा ll
*सीस झुकाऊँ, तुझे मनाऊँ ll
मैं तिलक लगाऊँ भाल,
हम तेरी शरण आए,,,
पत्त राखो गौरी के लाल,,,,,,,,,,,,,,

शँकर पिता तुम्हारे, शिव शँकर कैलाशी l
रिद्धि सिद्धि के स्वामी, लम्बोदर अविनाशी ll
*मँगल करदो, कण्ठ में भरदो ll
मेरे सुँदर सुर और ताल,
हम तेरी शरण आए,,,
पत्त राखो गौरी के लाल,,,,,,,,,,,,,,

संकट हर लो मेरे, ए दुःख हरने वाले l
झोली भर दो सबकी, झोली भरने वाले ll
*जोश तुम्हारे, आया द्वारे ll
लेकर फूलों की माल,
हम तेरी शरण आए,,,
पत्त राखो गौरी के लाल,,,,,,,,,,,,,

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल
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