( गजवदन गिरिजा ललन तुम हमें वरदान दो,
कंठ में हो वास तेरा साज में आवाज दो। )
बिगड़ा नसीबा अपना बनाने,
नैया अपनी पार लगाने,
आ गये आ गये,
तेरे दर पे दीवाने आ गए,
तेरे दर पे दीवाने आ गए.....
दयावान हो दया लुटाओ,
एक दन्त भगवान,
एक दन्त भगवान,
हरो अमंगल करदो मंगल,
हो जाये कल्याण,
हो जाये कल्याण.....
ज्ञान के दाता भाग्य विधाता,
उमा की तुम संतान,
अँधियारा मिट जाये दुखो का,
जीवन हो आसन,
जिसने भी देवा दिल से पुकारा,
ओ मन की मुरादे पा गया,
तेरे दर पे दीवाने आ गए,
तेरे दर पे दीवाने आ गए.....
हे जगवंदन हे शिवनंदन हे गौरा के लाल,
जुगनू जैसे नैन तुम्हारे, माया बड़ी कमाल,
देव भाव से करे जो सुमिरन, करे उसे निहाल,
रूप निराला अद्भुद लागे, ऐसा अजब कमाल,
जिसने भी डाला तेरे चरणों में डेरा, वो दुनिया में छा गए,
तेरे दर पे दीवाने आ गए,
तेरे दर पे दीवाने आ गए.....