सारी चिंता छोड़ दो, चिंतामण के द्वार,
बिगड़ी बनाएगा वही, विनती कर स्वीकार,
बड़े बड़े कारज सभी, पल में करे साकार,
बड़े गणपति का है साथ, साँचा ये दरबार,
सिद्ध हो हर कामना, सिद्धिविनायक धाम,
खजराना मे आन बसे मेरे, शिव गौरी के लाल।
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिए....-2
पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिए,
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति.....
सर झुकाता हूँ चरणों मे सुन लीजिये,
आज बिगड़ी हमारी बना दीजिये.....-2
ना तमन्ना है धन की ना सर ताज की,
तेरे चरणों की सेवा हमें चाहिये,
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति.....
तेरी भक्ति का दिल मे नशा चूर हो,
बस आँखो मे मालिक तेरा नूर हो....-2
कंठ पे शारदा माँ हमेशा रहे,
रिद्धि सिद्धि का वरदान हमें चाहिए,
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति.....
सारे देवों मे गुणवान दाता हो तुम,
सारे वेदों में ज्ञानों के ज्ञाता हो तुम,
ज्ञान दे दो भजन गीत गाते रहें,
बस यही ज़िन्दगानी हमें चाहिए,
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिए,
पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिए,
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति.......