दया करो गण नाथ,
हे प्रभु विनती हमारी॥
पार्वती सुत कमलेश्वरिये,
विघ्न हरो तेरा वंदन करिये,
मांगे प्रभुजी भक्ति तुम्हारी॥
दया करो गण नाथ,
हे प्रभु विनती हमारी॥
मंगलकारी नाम तुम्हारा,
संकटहारी नाम तुम्हारा,
शरण तुम्हारी आए बनके भिखारी॥
दया करो गण नाथ,
हे प्रभु विनती हमारी॥
रिद्धि सिद्धि के तुम हो स्वामी,
गणपति तुम हो अंर्तयामी,
धन्य हुए कृपा की दृष्टि जो डारी॥
दया करो गण नाथ,
हे प्रभु विनती हमारी॥