रमक झमक कर आवो गजानन।
रमक-झमक कर आवो गजानन॥
आप भी आवो देवा रिद्धि सिद्धि लावो॥
सभा में रंग बरसावो गजानन,
रमक-झमक कर आवो गजानन॥
सूंड सूंडालो बाबो दुंद दूंदालो॥
मोदक भोग लगावो गजानन,
रमक-झमक कर आवो गजानन॥
पारवती के देवा पुत्र कहावो॥,
शिवजी के राज दुलारे गजानन,
रमक-झमक कर आवो गजानन॥
शीश पे थारे मुकुट विराजे,
गले पुष्पन की माला गजानन,
रमक-झमक कर आवो गजानन
राम और लक्ष्मण थाने निशदिन ध्यावे,
चरणों में शीश नवावे गजानन,
रमक झमक कर आवो गजानन॥
लिखने वाला - Chandu Singh Gaur, Bikaner
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