गोरा के लाल करदो कमाल ,
अब के बरस कुछ ऐसा कर दो,
सारे नगर में हो जाए धमाल,
हे ग़जवान्द गजानंद स्वामी सुन लो हमारी अजारियाँ,
छूटे गरीबी ये बदनसीबी करदो दया की नजरियां,
तेरी इक झलक से दाता हो जाऊ मैं माला माल,
गोरा के लाल करदो कमाल ,
रिद्धि सीधी के तुम हो दाता मेरी भी बुद्धि बड़ा दो,
टूटी टाबरियां में मन नहीं लागे ऊंची अटारियाँ दिला दो,
तेरे भगतो को ये दुनिया वाले कहते है दाता सब कंगाल,
गोरा के लाल करदो कमाल ,
तेरी दया दृष्टि से स्वामी बन जाए कोई महूरत,
वास तुम्हारे वसे है लक्ष्मी जिसकी मुझे है जरूरत,
ये बे नाम पुकारे आजा कर ले अब तो हमारा ध्याम,
गोरा के लाल करदो कमाल ,