सांवरे की नजर जो पड़ी

सांवरे की नजर जो पड़ी,
मस्त रहता हूं मैं हर घड़ी,
मुझको परवाह नहीं आजकल है,
हाथ में इसके किस्मत मेरी,
मस्त रहता हूं मैं हर घड़ी,
सांवरे की नजर जो पड़ी,
मस्त रहता हूं मैं हर घड़ी।

लाख गहरा समंदर रहे,
मेरी कश्ती चलाता है ये,
भव से कर देगा पार मुझे,
सच्चे रिश्ते निभाता है ये,
नैया कर देगा पार मेरी,
मस्त रहता हूं मैं हर घड़ी,
सांवरे की नजर जो पड़ी,
मस्त रहता हूं मैं हर घड़ी.........

कोई मेरा सहारा नही,
बिन तेरे अब गुजारा नहीं,
क्यों देर लगाई प्रभु,
क्या मैंने दिल से पुकारा नहीं,
पल में हर लेता मुश्किल बड़ी,
मस्त रहता हूं मैं हर घड़ी,
सांवरे की नजर जो पड़ी,
मस्त रहता हूं मैं हर घड़ी.........

चाहे दुश्मन जमाना बने,
जिसको जलना हो जलते रहे,
इसने पकड़ा मेरे हाथ को,
दीपक क्यों ना दीवाना बने,
सर पर रख दी जो मोरछड़ी,
मस्त रहता हूं मैं हर घड़ी,
सांवरे की नजर जो पड़ी,
मस्त रहता हूं मैं हर घड़ी,
मुझको परवाह नहीं आजकल है,
हाथ में इसके किस्मत मेरी,
सांवरे की नजर जो पड़ी,
मस्त रहता हूं मैं हर घड़ी.....
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