आओ आओ जी इक बार म्हारा सांवरियां सरकार म्हारे गांव जी,
थारी बात उडीका सुबहो शाम जी,
रात दिना न चैन पड़े मने थारी याद सतावे,
थारे दर्श को भूखो प्यासो अन पानी न भावे,
अब न जयदा देर लगाओ म्हारा बिगडैया आज बनाओ सगळा काम जी,
थारी बात उडीका सुबहो शाम जी,
थारे बिना थारी भगता की कौन आके धीर बंदावे,
आ भी जा अब सेठ संवारा मत ज्यादा तरसावे,
थारा महारा मेल पुराण न तू देंगे भक्त उल्हाना शेराम जी,
थारी बात उडीका सुबहो शाम जी,
हाथ जोड़ लिया विनती कर ली कर ली बहुत बड़ाई,
न आया तो थारी माहरी माचे आज लड़ाई,
मान ले भीम साइन की बात था भजन लिखू दिन रात मेरे घनश्याम जी,
थारी बात उडीका सुबहो शाम जी,