हम हैं वृन्दावन के वासी,
हम राधे राधे गाते हैं,
हम हैं वृन्दावन के वासी।
श्री राधा राधा कहने से,
राधा कृपा बरसाती है,
मिल जाते हैं कुञ्ज बिहारी जी,
जीवन की प्यास बुझ जाती है,
हम भोर भए वृन्दावन की,
परिक्रमा रोज लगाते हैं,
हम हैं वृन्दावन के वासी,
हम राधे राधे गाते हैं,
हम हैं वृन्दावन के वासी।
आनंद नहीं वृन्दावन सा,
जहाँ बांके बिहारी रहते हैं,
वृन्दावन में आकर देखो,
यहाँ राधे राधे कहते हैं,
सब राधे राधे कहते हैं,
निधिवन में मधुर श्याम श्यामा,
यहाँ आज भी रास रचाते हैं,
हम हैं वृन्दावन के वासी,
हम राधे राधे गाते हैं,
हम हैं वृन्दावन के वासी।
श्री राधा नाम और वृन्दावन,
हमको प्राणों से प्यारे हैं,
वृन्दावन में रहकर देखा,
दुनियाँ से अलग नज़ारे हैं,
हम मधुर मधुर ब्रजवासिन के,
घर घर पेट पूड़े खाते हैं,
हम हैं वृन्दावन के वासी,
हम राधे राधे गाते हैं,
हम हैं वृन्दावन के वासी॥