हे पवन पुत्र हनुमान

हे पवन पुत्र हनुमान,
तुमको लाखों प्रणाम,
जपे निरंतर जो हनुमंता,
उसको मिलते राम,
हे पवन पुत्र हनुमान,
तुमको लाखों प्रणाम॥

कथा सुनी रामायण में,
तुम ही राम दुलारे,
जब जब राम पे संकट आया,
तुमने कष्ट उबारें,
लाए संजीवन लक्ष्मण जी के,
तुमने बचाये प्राण,
पवन पुत्र हनुमान,
तुमको लाखों प्रणाम,
हे पवन पुत्र हनुमान,
तुमको लाखों प्रणाम।

सात समंदर लांघ के पहुंचे,
तुम रावण की लंका,
माँ सीता को नमन किया,
फ़िर ख़ूब बजाया डंका,
आग लगायी लंका में,
तोड़ा रावण का अभिमान,
पवन पुत्र हनुमान,
तुमको लाखों प्रणाम,
हे पवन पुत्र हनुमान,
तुमको लाखों प्रणाम।

download bhajan lyrics (498 downloads)