कद लग करू रे बढ़ाई हनुमान की,
रंगले हनुमान की छबीले हनुमान की,
कद लग करू रे बढ़ाई हनुमान की.....
हनुमान अंजनी के जाये हाथो में पहाड़ लाये,
संजीवन बूटी लाये वो लक्ष्मण के प्राण की,
कद लग करू रे बढ़ाई हनुमान की.....
समुन्दर कूद वो लंका में आये,
उन बागो में आये रे जड़ सीए रोवे जानकी,
कद लग करू रे बढ़ाई हनुमान की.....
लाये अंगूठी माँ के गोड्डा में गेरी,
हिआ उज्जल आया री वा रोवे सीआ जानकी,
कद लग करू रे बढ़ाई हनुमान की.....
पाड़ पाड़ पेड़ समुन्दर में बगाए,
मालन रोवन लागी री वा रावण के बाग़ की,
कद लग करू रे बढ़ाई हनुमान की....
आम तोड़े निम्बू तोड़े जड़ पाडी केले की,
डाली तोड़न लगा वा इमली कतार की,
कद लग करू रे बढ़ाई हनुमान की.....