भोले बाबा सावन आयो रे,
ओ हो......
चले कावरिया कावर लेके गंगा जल की,
हो....
शिव धाम तेरे,
शुभ मन से ही जो गंगा जल ले आते हैं,
वो भवसागर तर जाते हैं,
वो सदा सदा सुख पाते हैं,
वो सदा सदा सुख पाते हैं,
शिव धाम तेरे जो बेल पत्तियां,
श्रद्धा के साथ चढ़ाते हैं,
वो कष्टों से मुक्ति पाते हैं,
तेरी जय जय कार बुलाते हैं........
जय भोले जय भोले,
जय भोले शिव भोले,
गंगा धारी जय हो तेरी,
कैलाश वासी जय हो तेरी,
शिव अविनाशी जय हो तेरी,
गंगा धारी जय हो तेरी।
हैं भस्म रमैया शिव डमरू वाले,
तेरे कंठ में सजते,
हैं विषधर काले,
जो बैठ के तेरे शिवालय में तेरा सुमिरन कर लेते,
हो भर तेरे भंडारों से हैं आस की झोली भर लेते,
शिव धाम तेरे,
शुभ मन से ही जो गंगा जल ले आते हैं,
वो भवसागर तर जाते हैं,
वो सदा सदा सुख पाते हैं........
है गंगा धारी जय हो तेरी,
कैलाश वासी जय हो तेरी,
शिव अविनाशी जय हो तेरी,
गंगा धारी जय हो तेरी,
कैलाश वासी जय हो तेरी,
शिव अविनाशी जय हो तेरी।
हे महा मृत्युंजय,
हे गौरी शंकर,
शम्भू नागेश्वर भोले प्रलयंकर,
हे सचिदानंद भगवान तुम्हारी,
जिनको छाया मिल जाती,
उन भक्तो के तो जीवन से हर बुरी बला है टल जाती,
शिव धाम तेरे,
शुभ मन से ही जो गंगा जल ले आते हैं,
वो भवसागर तर जाते हैं,
वो सदा सदा सुख पाते हैं.......