अरी री मैं तो ओढ़ चुनरिया जाउंगी मेले में,
अरी री मेरा मन ना लगे घर के झमेले में,
अरी री मैं तो ओढ़ चुनरिया जाउंगी मेले में।
नथनी पहनी झुमका पहना, पहना नौ लखा हार,
हाथ में कंगन पांच पायलिया, कर सोलह श्रिंगार,
मगन भई छम छम नाचू, मईया के मेले में,
अरी री मैं तो ओढ़ चुनरिया जाउंगी मेले में ॥
ध्वजा नारियल पान सुपारी रोली और कलावा,
लाल चुनरिया चली सजा के माँ ने आज बुलाया,
मगन भई आज दीवानी मईया के मेले में,
अरी री मैं तो ओढ़ चुनरिया जाउंगी मेले में ॥
तेरे भवन पे झंडे झूले छाई अजब बाहर,
फुल चन्द तेरी महिमा गावै हो रही जय जयकार,
सखी री मैं तू छम छम नाचू मईया के मेले में,
अरी री मैं तो ओढ़ चुनरिया जाउंगी मेले में,
अरी री मेरा मन ना लगे घर के झमेले में,
अरी री मैं तो ओढ़ चुनरिया जाउंगी मेले में........