निशुम्भ शुम्भ गर्जनी,
प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनी,
बनेरणे प्रकाशिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी।
त्रिशूल मुण्ड धारिणी,
धरा विघात हारिणी,
गृहे-गृहे निवासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी।
दरिद्र दुःख हारिणी,
सदा विभूति कारिणी,
वियोग शोक हारिणी,
भजामि विन्ध्यवासिनी।
लसत्सुलोल लोचनं,
लतासनं वरप्रदं,
कपाल-शूल धारिणी,
भजामि विन्ध्यवासिनी।
कराब्जदानदाधरां,
शिवाशिवां प्रदायिनी,
वरा-वराननां शुभां,
भजामि विन्ध्यवासिनी।
कपीन्द्न जामिनीप्रदां,
त्रिधा स्वरूप धारिणी,
जले-थले निवासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी।
विशिष्ट शिष्ट कारिणी,
विशाल रूप धारिणी,
महोदरे विलासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी।
पुंरदरादि सेवितां,
पुरादिवंशखण्डितम्,
विशुद्ध बुद्धिकारिणीं,
भजामि विन्ध्यवासिनीं.......