एक बार नही सो बार नही,
मैं ता आज करा लख वार,
मैं होर कुझ नहियो मंगदा,
मैं तर्द्रुस्त परिवार, मैं होर कुझ नहियो मंगदा
बेठा भावे घर विच रुकिया न रुके माँ,
सिर तक कदे मेरे बचिया दा दुखिया न,
रहे घरो चो बीमारी बाहर,मैं होर कुझ नहियो मंगदा,
मैं तर्द्रुस्त परिवार..........
रुखी सुखी वी खा लवागे,
मिलु जेहो जेहा ओ खा लवागे,
कोई पावे न माडी मार,
मैं होर कुझ नहियो मंगदा
मैं तर्द्रुस्त परिवार..........
दुःख दे दिन न कदे दिखावे,
भरमे दा तू मान वदावी,
मिले काके नु सत्कार,
मैं होर कुझ नहियो मंगदा
मैं तर्द्रुस्त परिवार..........