मईया शेर पे चढ़के आजा, तेरे भगत खड़े हैं गली गली.....-2
मैया कैसा जल है चढाना, तेरे पूछे भगत जन गली गली,
मईया शेर पे चढ़के आजा, तेरे भगत खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसा दीप जलाए, तेरी रोशन हो जाए गली गली,
मईया शेर पे चढ़के आजा, तेरे भगत खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसा भोग लगाए, तेरी कृपा बरसे गली गली,
मईया शेर पे चढ़के आजा, तेरे भगत खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसी भेटें गाए, तेरे नाचे भगत जन गली गली,
मईया शेर पे चढ़के आजा, तेरे भगत खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसा चोला चढाये, चोले की चमक जाए गली गली,
मईया शेर पे चढ़के आजा, तेरे भगत खड़े हैं गली गली॥
मैया कैसे तुझे मनाए, जयकारा गूजे गली गली,
मईया शेर पे चढ़के आजा, तेरे भगत खड़े हैं गली गली॥