महा सरस्वती माँ शारदे,
हे वीणा वादिनी चाकिये,
तिविरंतर का हर लो माँ ,
ज्ञान उजागर कर दो माँ,
महा सरस्वती माँ शारदे।
भवल वस्त्र सुन्दर तन है,
श्वेत कमल का आसान है,
निर्मल वतन शांत मूर्ती,
मैया ज्ञान वरदायिनी,
महा सरस्वती माँ शारदे।
रसना पे तुम हो बसी माता,
वाणी में बल तुमसे आता,
विद्या धन तुमसे ही मिलता,
शब्दस्मार्दायिनी,
महा सरस्वती माँ शारदे।
तुम सन्मार्ग दिखाती हो,
गीतों में प्राण सजाती हो,
अंतर्नाद जगाती हो,
तुम हो हर लय ताल में,
महा सरस्वती माँ शारदे।
महा सरस्वती माँ शारदे,
हे वीणा वादिनी चाकिये,
तिविरंतर का हर लो माँ ,
ज्ञान उजागर कर दो माँ,
महा सरस्वती माँ शारदे।