ड्मक ड्मक डमरू थारा बाजे,
सब भक्ता का काम बने,
रविवार आयो पधारों भेरू बाबा,
सब भक्ता थाने याद करे ॥
बांझा के पुत्र देवे कौड़ियां के काया,
हर भक्ता की पुकार सुने,
आवे है अमीर, गरीब भी आवे,
सब भक्ता थारे पाव पड़े ॥
पोष दसम पूनम दिन भारी,
मेवा मिठाई को भोग चढ़े,
पारस प्रभु के दरबार मे विराजे,
सब भक्ता थारो ध्यान धरे ॥
भैरव चालीसा गुणगान गाये,
तेल सिंदूर थारे माथ चढ़े,
हिमाचल सूरी जी को दर्श दिखाया,
सब संता मुनि थारो जाप करे ॥
आपरे दरस से दुख भाग जाए,
मनीष भक्ता संघ नाच करे,
ड्मक ड्मक डमरू थारा बाजे,
सब भक्ता का काम बने॥