तर्ज़--कभी बेबसी ने मारा
मनको की है यह माला मेरे काम की नहीं है
इसमें कहीं भी सूरत मेरे राम की नहीं है
मनको की है ये माला........
मैं हूं राम का दीवाना जाने ये सब जमाना
करने को सेवा प्रभु की सांसे मुझे मिली है
इसमें कहीं भी सूरत मेरे राम की नहीं है
मनको की है ये माला........
जाकर बजा दू डंका पल में जला दू लंका
सिया राम बसते मन में ह्रदय छवि बसी है
इसमें कहीं भी सूरत मेरे राम की नहीं है
मनको की है ये माला.......
फिर मुख ना कोई खोलें श्रीराम उठकर बोले
भक्त शिरोमणि है हनुमत श्री राम ने कही है
इसमें कहीं भी सूरत मेरे राम की नहीं है
मनको की है यह वाला...........
कुमार सुनील फोक सिंगर
हिसार हरियाणा भारत
98123 01662