ईब क्याको तोड़ो महारो गठजोड़ो बाबा श्याम से,
महारो गठजोड़ो बाबा श्याम से.....
मात पिता महारो हाथ पकड़कर श्याम की लेर लगाया ,
श्याम ही म्हारो जीवन साथी,यो ही पाठ पढ़ाया जी,
इब क्या को तोड़ो.......
एसो जीवन साथी मिल्यो हे म्हाने साथ कदे न छोड़े,
साथ साथ यो चाले म्हारे ,चढ़के लीले घोड़े जी,
ईब क्या को तोड़ो .....
यो महारी तबियत की पूछे जो माँगा सो देवे
देख उनमनो महान जद भी , झट म्हारी सुध लेवे जी,
इब क्या को तोड़ो....
बात करे हे मिट्ठी मिट्ठी जद भी यो बतलावे ,
म्हारे दिल पर राज करे यो,दूजो नहीं सुहावे जी,
इब क्या को तोड़ो.....
बिन्नू के मन में या ही हे ईंया ही निभ ज्यावे,
जनम जनम को साथ आपनो,कोई तोड़ न पावे जी,
इब क्या को तोड़ो.....