हारे का तू है सहारा सांवरे, हमने भी तुझको पुकारा सांवरे,
नहीं और सहा जाये, हम बोल कहाँ जाये
हमे अपनी आँखों से दूर नहीं करना,
हम रो पड़ेंगे मजबूर नहीं करना ।
अपनों के सताए है, तेरी शरण में आये है
हारे का तू है सहारा सांवरे...
हम है कितने हारे, परछाई कह रही है,
आँखों से दिल की सच्चाई बह रही है ।
ये नीर जो बहता है, रो रो के कहता है,
हारे का तू हैं सहारा सांवरे...
कितने भी हमपे हँसे ये जमाना,
‘संजू’ कन्हैया से नाता है पुराना,
संतोष यही मन में तुम हो मेरे जीवन में,
हारे का तू हैं सहारा सांवरे...