तेरे कितने है उपकार में कैसे बतलाऊ ,
मेरे दिल की यही पुकार ,में तेरा हो जाऊँ
हो जब से , तूने पकड़ा हाथ मेरा बाबा
मेरी रोती आँखो को तूने हँसना सिखाया बाबा
मेरे दिल की यही पुकार मेरे साँवरिया सरकार.
में तेरा हो जाऊँ .........
जब सब ने छोड़ा बाबा तूने साथ दिया था मेरा,
जब फसी भंवर में नईया तू आया बनके खिवैया ,
तूमने दी अपनी पहचान में कैसे बतलाऊ ,
मेरे दिल की यही पुकार मेरे साँवरिया सरकार!!
में तेरा हो जाऊँ.........
हार के बाबा जो भी आया है शरण मे तेरी ,
बाँहो में लेकर बाबा तू बन गया सब का प्रेमी ,
तेरे पर्चे कितने अपार में कैसे बतलाऊ ,
मेरे दिल की यही पुकार मेरे साँवरिया सरकार
में तेरा हो जाऊँ..........
मेरे जीवन की अब डोरी तेरे हाथो में है बाबा
बस यही तमन्ना दिल की मेरे संग संग रहना बाबा
पूरी करदी सब फरियाद में कैसे बतलाऊ
तेरे ,राही, की है पुकार मेरे साँवरिया सरकार
में तेरा हो जाऊँ,,,,,,
ARUN CHAUHAN RAHI