सँवारे को दिल में वसा कर तो देखो,
दुनिया से मन को हटा कर तो देखो,
बड़ा ही दयालु है बांके बिहारी,
इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो,
सँवारे को दिल में वसा कर तो देखो,
मीरा ने जैसे गिरधर को पाया,
प्याला ज़हर का अमृत बनाया,
जरा अपनी हस्ती को मिटा कर तो देखो,
इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो,
श्याम बिना तेरा कोई न अपना,
ये दुनिया है सब झूठा सपना,
नजरो से पर्दा हटा कर तो देखो,
इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो,