तर्ज – नाच मेरी बुलबुल
बात मेरी मानो आराम मिलेगा,
खाटू जाके देख तेरा काम बनेगा,
मैं जानू सेठ एक नाम उसका साँवरा,
बिन माँगे झोली वो तेरी भरेगा,
बात मेरी मानों आराम मिलेगा,
खाटू जाके देख तेरा काम बनेगा।।
अर्जी लगा के देख सर को झुका के देख,
पल में बदलेगा ये किस्मत का लेख,
ज़रूरत में तेरी तैयार मिलेगा,
तैयार मिलेगा, तैयार मिलेगा,
बात मेरी मानों आराम मिलेगा,
खाटू जाके देख तेरा काम बनेगा।।
न्याय का पालक है ये संचालक है,
लायक बनता उसे जो नालायक है,
सत्य की महिमा का ज्ञान मिलेगा,
ज्ञान मिलेगा, ज्ञान मिलेगा,
बात मेरी मानों आराम मिलेगा,
खाटू जाके देख तेरा काम बनेगा।।
जिसने पुकारा है मिलता सहारा है,
विपदा को टारा है जीवन सँवारा है,
कहाँ देव ऐसा महान मिलेगा,
महान मिलेगा, महान मिलेगा,
बात मेरी मानों आराम मिलेगा,
खाटू जाके देख तेरा काम बनेगा।।
भावों का भूखा है ये खाटू वाला,
दिनों की सुन याचना बनता रखवाला,
‘निर्मल’ की बाबा पहचान बनेगा,
पहचान बनेगा, पहचान बनेगा,
बात मेरी मानों आराम मिलेगा,
खाटू जाके देख तेरा काम बनेगा।।
बात मेरी मानो आराम मिलेगा,
खाटू जाके देख तेरा काम बनेगा,
मैं जानू सेठ एक नाम उसका साँवरा,
बिन माँगे झोली वो तेरी भरेगा,
बात मेरी मानों आराम मिलेगा,
खाटू जाके देख तेरा काम बनेगा...........