जहाँ भी कीर्तन हो बाबा का लीले चढ़ कर के आइये

जहाँ भी कीर्तन हो बाबा का लीले चढ़ कर के आइये,
तेरा इतना लाड लड़ावा गा तुम देखते रहियो,

तेरा केसर तिलक लगावा गा चांदी का छतर चढ़ावा गा,
चुन चुन कर कलियाँ भागा से सूंदर गजरा बनवावगा,
पेहन कसुमल भागा बाबा खिलखिल कर तुम हसियो,
तेरा इतना लाड लड़ावा गा तुम देखते रहियो,

यो छप्पन भोग बनाया है सब भगतो को भुलावाया है,
पेड़ो से थाली भरी हुई और नागर पान मंगवाया है,
हुकम हमारे लायक हो तो हम बचो से कहियो,
तेरा इतना लाड लड़ावा गा तुम देखते रहियो,

तुम्हे मीठे भजन सुनवागे नैना सु नैन लगावागे,
खुद नाचे गे हम सांवरियां और साथ में तुम्हे नचाएंगे,
तेरी मस्ती का रंग उतरे ना ही ऐसी मस्ती में रंगियो,
तेरा इतना लाड लड़ावा गा तुम देखते रहियो,

कोई भूल अगर हो जाए तो नहीं दिल से उसे लगाना तू,
इन भगतो की अर्जी सांवरियां हां जल्दी पास कराना तू,
संजू के संग इन भगतो की याह विनती है सुनियो,
तेरा इतना लाड लड़ावा गा तुम देखते रहियो,
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