सुनो श्याम धनी सरकार मेरी बिगड़ी बना दो,
मैं आया तुमरे द्वार मेरी बिगड़ी बना दो,
सुनो श्याम धनी सरकार मेरी बिगड़ी बना दो,
मैंने ये सुना है तुम ने लाखो भकत तारे है,
ये भी सुना है बाबा हारे के सहारे,
ये सच है तो दातार मेरी बिगड़ी बना दो,
सुनो श्याम धनी सरकार मेरी बिगड़ी बना दो,
और इस दिल में क्या रखा है तेरा ही नाम लिखा रखा है,
चीर के देखो दिल मेरा तो तेरा ही दर्द छुपा रखा है,
तुम से ना कहू तो बोलो किस से कहू श्यामा,
क्यों मैं तुम्हारे होते दुखड़े सहू श्यामा,.
मेरी विनती करो सवीकार मेरी बिगड़ी बना दो,
सुनो श्याम धनी सरकार मेरी बिगड़ी बना दो,
आजा रे भगत पुकारे नैनो को रो के हारे कोई न जाने दर्द मेरा,